cgamoassociation@gmail.com +91-9424289989 Ward 19 Gujratipara Mahasamund CG 493445, India

Founding Member’s

FOUNDING MEMBER'S OF CHHATTISGARH ASSISTANT MDICAL OFFICER ASSOCIATION

1. DR B L MISHRA, STATE PRESIDENT OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


2. DR ANSHUMAAN CHANDRAKAR, STATE VICE PRESIDENT OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


3. DR ARADHANA GOSWAMI STATE SECRETARY OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


4. DR SHIV KUMAR SAHU STATE TREASURER OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


5. DR NEELKANTH JOSHI STATE JOINT SECRETARY OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


6. DR DHAM BABU KURREY STATE SPOKESMAN OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


6. DR DHAM BABU KURREY STATE SPOKESMAN OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


7. DR POONAM CHANDRAKAR STATE ASSOCIATE TREASURER OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION


8. AJAY SHARMA (ADVOCATE) STATE LEGAL ADVISOR OF CHHATTISGARH ASSISTANT MEDICAL OFFICER ASSOCIATION

समिति नियमावली

समिति नियमावली
सोसाइटी का नाम :- छत्तीसगढ़ सहायक चिकित्सा अधिकारी संघ
इस संस्था कार्यालय का पता :- K.G.GOSWAMI, WARD 19, GUJARATIPARA, NEAR RAMA TALKIES MAHASAMUND (C.G)
संस्था का कार्यक्षेत्र :- संपूर्ण छत्तीसगढ़
संस्था का उद्देश्य :- १. छत्तीसगढ़ सहायक चिकित्सा अधिकारी संघ का उद्देश्य संघ के समस्त सदस्यों को संगठित कर उनकी समस्याओं का यथोचित निदान करने का प्रयास करना।
२. छत्तीसगढ़ सहायक चिकित्सा अधिकारी संघ का उद्देश्य संघ में अनुशासन बनाए रखना।
1. सदस्यता :- संस्था के निम्नलिखित श्रेणी के सदस्य होंगे
(अ) संरक्षण सदस्य :- संस्था को जिस व्यक्ति द्वारा अभिदान के रुप में रुपए 10000/- एकमुश्त जमा किया जावेगा वह समिति का संरक्षक सदस्य होगा।
(ब) आजीवन सदस्य :- जिस व्यक्ति द्वारा संस्था को अभिदान के रुप में रुपए 5000 जमा किया जाएगा वह आजीवन सदस्य बनाया जा सकेगा कोई भी आजीवन सदस्य अंतर की राशि रुपए 5000 देकर संरक्षक सदस्य बन सकता है।
(स) साधारण सदस्य :- जिस व्यक्ति द्वारा रुपए 100 प्रतिमाह रुपए 1200 प्रतिवर्ष को अभिदान के रूप में जमा किया जाएगा वह साधारण सदस्य बनाया जा सकेगा साधारण सदस्य केवल उसी अवधि के लिए सदस्य होगा जिसके लिए उसने अभिदान दिया है जो साधारण सदस्य बिना संतोषजनक कारणों के 6 माह तक अभिदान नहीं देगा उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी ऐसे सदस्य द्वारा संस्था के लिए नया आवेदन पत्र देने तथा अभिदान की राशि देने पर पुनः सदस्य बनाया जा सकता है।
(द) सम्माननीय सदस्य :- संस्था की प्रबंधकारिणी किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को उस समय के लिए जो वह उचित समझे सम्मानीय सदस्य बना सकती है ऐसे सदस्य साधारण सभा की बैठक में भाग ले सकते हैं परंतु उसको मत देने का अधिकार नहीं होगा।
2. सदस्यता की प्राप्ति :- प्रत्येक व्यक्ति जो कि समिति का सदस्य बनने का इच्छुक हो लिखित रूप में आवेदन करना होगा ऐसा आवेदन पत्र प्रबंधकारिणी समिति को प्रस्तुत होगा प्रबंधकारिणी समिति को आवेदन पत्र को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार होगा।
3. सदस्यों की योग्यता :-
संस्था का सदस्य बनने के लिए किसी व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यता होना आवश्यक है
भारतीय नागरिक हो।
आयु 18 वर्ष से कम ना हो।
समिति के उद्देश्यो एवं नियमों के पालन की प्रतिज्ञा की हो।
सद् चरित्र हो तथा मद्यपान ना करता हो।
4. सदस्यता की समाप्ति :- संस्था की सदस्यता निम्नलिखित स्थिति में समाप्त हो जावेगी
मृत्यु हो जाने पर।
पागल हो जाने पर।
नियम पांच (5) के अनुसार सोसाइटी को देय सदस्यता की रकम जमा करने में असफल रहने पर।
त्याग पत्र देने पर यदि स्वीकृत हो जाता है तो और नैतिक अधमता से संबंधित किसी अन्य कारण के सिद्ध हो जाने पर और प्रबंधकारिणी समिति द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाकर निष्कासित करने पर तथा ऐसा निर्णय संबंधित सदस्य को लिखित में संसूचित किया जाना चाहिए।
5. सदस्यता पंजी :- संस्था कार्यालय में सदस्यों की पंजी रखी जावेगी जिसमें निम्न व्योरे दर्ज किए जाएंगे
प्रत्येक सदस्य का नाम, पता, व्यवसाय।
वह तारीख जिसमें सदस्यों को प्रवेश दिया हो वह अभिदान जमा करने की रसीद नंबर।
वह तारीख जिसमें सदस्यता समाप्त की गई हो।
सदस्यों के हस्ताक्षर।
6. धारण सभा :- साधारण सभा में नियम में 5 (अ) 6 (ब) 7 (स) दर्शाए अनुसार श्रेणी के सदस्य समावेशित होंगे साधारण सभा की बैठक आवश्यकता अनुसार हुआ करेगी परंतु वर्ष में एक बार माह अप्रैल में बैठक अनिवार्य होगी बैठक की तिथि स्थान व समय कार्यकारिणी समिति द्वारा निर्धारित निश्चित कर 15 दिवस पूर्व प्रत्येक सदस्य को सूचना दी जाएगी बैठक का कोरम 3/5 सदस्यों का होगा संस्था की प्रथम आम सभा पंजीयन दिनांक से 3 माह के भीतर बलाई जाएगी उसमें संस्था के पदाधिकारियों का विधिवत निर्वाचन किया जावेगा।
(ब) प्रबंधकारिणी सभा :- प्रबंधकारिणी सभा की बैठक प्रत्येक माह होगी तथा बैठक का एजेंडा तथा सूचना बैठक दिनांक से 7 दिन पूर्व कार्यकारिणी के प्रत्येक सदस्य को भेजा जाना आवश्यक होगा यदि बैठक में कोरम 1/2 सदस्य की होगी यदि बैठक का कोरम पूर्ण नहीं होता है तो बैठक 1 घंटे के लिए स्थगित की जा कर उसी स्थान पर उसी दिन पुनः की जा सकेगी जिसके लिए कोरम की कोई शर्त नहीं होगी।
(स) विशेष :- समिति के कुल सदस्यों की संख्या के 2/3 सदस्यों द्वारा किसी भी विषय पर विचार करने के लिए संस्था के विशेष बैठक बुलाने हेतु अध्यक्ष / सचिव को सदस्यों द्वारा अनुरोध पत्र दिया जाएगा ऐसे आवेदन पत्र उल्लेखित विषय पर आम सभा आयोजित किया जा कर संकल्प पारित किया जाएगा विशेष संकल्प पारित हो जाने हेतु आवेदन करें तो उनके दर्शाए विषय पर संकल्प की प्रति बैठक पंजीयक को संकल्प पारित हो जाने के दिनांक से 45 दिन के भीतर भेजा जावेगा पंजीयक को इस विषय में आवश्यक निर्देश जारी करने तथा समिति को परामर्श देने का अधिकार होगा।

7. धारण सभा के अधिकार व कर्तव्य :-
(क) संस्था के पिछले वर्ष का वार्षिक विवरण प्रगति प्रतिवेदन स्वीकृत करना।
(ख) संस्था की स्थाई निधि व संपत्ति की ठीक व्यवस्था करना।
(ग) आगामी वर्ष के लिए लेखा परीक्षकों की नियुक्ति करना।
(घ) अन्य ऐसे विषयों पर विचार करना जो प्रबंधकारिणी द्वारा प्रस्तुत हो।
(च) संस्था द्वारा संचालित संस्थाओं के आय-व्यय पत्रकों को स्वीकृत करना।
8. प्रबंधकारिणी का गठन :- नियम 5 (अ,ब,स) में दर्शाए गए सदस्यों जिनके नाम पंजी रजिस्टर में दर्ज हो बैठक में बहुमत के आधार पर निम्नलिखित पदाधिकारियों तथा प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों का निर्वाचन होगा।
१ अध्यक्ष
२ उपाध्यक्ष
३ सचिव
४ कोषाध्यक्ष
५ संयुक्त सचिव एवं सदस्य
६ कार्यकारिणी सदस्य
७ कार्यकारिणी सदस्य
9. प्रबंध समिति का कार्यकाल :- प्रबंध समिति का कार्यकाल 3 वर्ष होगा यथेष्ट कारण होने पर उस समय जब तक कि नए प्रबंध कारिणी समिति का निर्माण नियमानुसार से नहीं हो जाता वर्तमान प्रबंध समिति कार्य करती रहेगी किंतु उक्त अवधि 6 माह से अधिक नहीं होगी जिसका अनुमोदन साधारण सभा से करना अनिवार्य होगा।
10. प्रबंध कारिणी के अधिकार व कर्तव्य :-
(अ) जिन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु समिति का गठन हुआ है उसकी पूर्ति करना और इस आशय की पूर्ति हेतु व्यवस्था करना।
(ब) पिछले वर्ष का आय-व्यय का लेखा पूर्णत : परीक्षित किया हुआ प्रगति प्रतिवेदन के साथ प्रतिवर्ष साधारण सभा की बैठक में प्रस्तुत करना होगा।
(स) समिति एवं उनके अधीन संचालित संस्थाओं के कर्मचारियों के वेतन तथा भत्ते आदि का भुगतान करना संस्था की चल अचल संपत्ति पर लगने वाली कर आदि का भुगतान करना।
(द) कर्मचारियों, शिक्षकों आदि की नियुक्ति करना।
(इ) अन्य आवश्यक कार्य करना जो साधारण सभा द्वारा समय-समय पर सौंपा जाए।
(च) संस्था की समस्त चल अचल संपत्ति कार्यकारिणी समिति के नाम रहेगी।
(छ) संस्था द्वारा कोई भी स्थावर संपत्ति रजिस्टर की लिखित अनुज्ञा के बिना क्रय विक्रय द्वारा या अन्यथा अर्जित या अंतरित नहीं की जाएगी।
(ज) विशेष बैठक आमंत्रित कर संस्था के विधान में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर साधारण सभा की विशेष बैठक में उसकी स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करेगी साधारण सभा में कुल सदस्यों 2/3 मत से संशोधित पारित होने पर उक्त प्रस्ताव पारित कर पंजीयक को अनुमोदन हेतु भेजा जावेगा।
11. अध्यक्ष के अधिकार :- अध्यक्ष साधारण सभा तथा प्रबंध कारिणी समिति की समस्त बैठकों की अध्यक्षता करेगा तथा सचिव को साधारण सभा में प्रबंध कारिणी की बैठकों का आयोजन हेतु निर्देश जारी करेगा अध्यक्ष का मत बिचारार्थ विषयों में निर्णयात्मक होगा।
12. उपाध्यक्ष के अधिकार :- अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष द्वारा साधारण सभा तथा प्रबंध कारिणी की समस्त बैठकों की अध्यक्षता करेगा।
13. सचिव (मंत्री) के अधिकार :-
साधारण सभा एवं प्रबंध कारिणी की बैठक समय-समय पर बुलाना और समस्त आवेदन पत्र तथा सुझाव जो प्राप्त हो प्रस्तुत करना।
समिति की आय व्यय का लेखा परीक्षण से प्रतिवेदन तैयार करके साधारण सभा के सम्मुख प्रस्तुत करना समिति के सारे कागजातों को तैयार करना तथा करवाना उनका निरीक्षण करना व अनियमितता पाए जाने पर उसकी सूचना प्रबंध कारिणी को देना।
सचिव को किसी कार्य के लिए एक समय में रुपए 50,000/- वह करने का अधिकार होगा।
14. संयुक्त सचिव के अधिकार:- सचिव की अनुपस्थिति मे संयुक्त सचिव कार्य करेगा।
15. कोषाध्यक्ष के अधिकार :- समिति की धनराशि का पूर्ण हिसाब रखना तथा सचिव या कार्यकारिणी द्वारा स्वीकृत व्यय करना।
16. बैक खाता :- प्रत्येक समिति द्वारा पंजीकृत संस्था के नाम से ही खाता संधारित किया जावेगा संस्था की समस्त निधि किसी राष्ट्रीय कृत बैंक या पोस्ट ऑफिस में रहेगी धन का आहरण अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर ओं से होगा दैनिक व्यय हेतु कोषाध्यक्ष के पास अधिकतम रुपए 50,000 रहेंगे।
17. पंजीयक को भेजी जाने वाली जानकारी :- अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत संस्था की वार्षिक आम सभा होने के दिनांक से 45 दिन के भीतर निर्धारित प्रारूप पर शुल्क सहित कार्यकारिणी समिति की मूल हस्ताक्षरित सूची फाइल की जावेगी तथा धारा 28 के अंतर्गत संस्था का ऑडिट लेखन नियत शुल्क के साथ पंजे को प्रस्तुत किया जाए
18. संशोधन :- संस्था के विधान में संशोधन साधारण सभा की बैठक के कुल सदस्यों के 2/3 मतों में पारित होगा यदि आवश्यक हुआ तो संस्था के हित में उसके पंजीकृत विधान में संशोधन करने का अधिकार पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं को होगा जो प्रत्येक सदस्य को मान्य होगा संस्था के विधान में संशोधन हेतु प्रस्ताव मय- नियत प्रारूप में शुल्क सहित प्रस्तुत की जाएगी।
19. विघटन :- संस्था का विघटन साधारण सभा के कुल सदस्यों के 3/5 से पारित किया जाएगा विघटन के पश्चात संस्था की चल एवं अचल संपत्ति किसी भी सामान उद्देश्य वाली संस्था को सौंप दी जाएगी उक्त समस्त कार्यवाही अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जाएगी।
20. संपत्ति :- संस्था के समस्त चल अचल संपत्ति संस्था के नाम से रहेगी संस्था की अचल संपत्ति (स्थावर) रजिस्टार फर्म्स एवं संस्थाएं की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा दान द्वारा या अन्यथा प्रकार से अर्जित या अंतरित नहीं की जा सकेगी एवं उक्त हेतु नियत शुल्क संस्था द्वारा जमा की जावेगी।
21. पंजीयक द्वारा बैठक बुलाना :- संस्था की पंजीयक नियमावली के अनुसार पदाधिकारियों द्वारा वार्षिक बैठक ना बुलाए जाने पर या अन्य प्रकार के आवश्यक होने पर पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं को बैठक बुलाने का अधिकार होगा साथ ही यह बैठक में विचारार्थ विषय निश्चित कर सकेगा।
22. विवाद :- संस्था में किसी प्रकार के विवाद की स्थिति होने पर अध्यक्ष को साधारण सभा की अनुमति से सुलझाने का अधिकार होगा यदि इस निश्चित या निर्णय से पक्षों पर संतोष ना हो तो वह रजिस्ट्रार की ओर के निर्णय के लिए भेज सकेंगे रजिस्ट्रार का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा संचालित सभाओं के विवाद अथवा प्रबंध समिति के विवाद उत्पन्न होने पर अंतिम निर्णय देने का अधिकार रजिस्टर को होगा।

समिति नियमावली

सोसाइटी का नाम :- छत्तीसगढ़ सहायक चिकित्सा अधिकारी संघ
इस संस्था कार्यालय का पता :- K.G.GOSWAMI, WARD 19, GUJARATIPARA, NEAR RAMA TALKIES MAHASAMUND (C.G)


संस्था का कार्यक्षेत्र :- संपूर्ण छत्तीसगढ़


1. संस्था का उद्देश्य :- १. छत्तीसगढ़ सहायक चिकित्सा अधिकारी संघ का उद्देश्य संघ के समस्त सदस्यों को संगठित कर उनकी समस्याओं का यथोचित निदान करने का प्रयास करना।


२. छत्तीसगढ़ सहायक चिकित्सा अधिकारी संघ का उद्देश्य संघ में अनुशासन बनाए रखना।


3.सदस्यता :- संस्था के निम्नलिखित श्रेणी के सदस्य होंगे


(अ) संरक्षण सदस्य :- संस्था को जिस व्यक्ति द्वारा अभिदान के रुप में रुपए 10000/- एकमुश्त जमा किया जावेगा वह समिति का संरक्षक सदस्य होगा।


(ब) आजीवन सदस्य :- जिस व्यक्ति द्वारा संस्था को अभिदान के रुप में रुपए 5000 जमा किया जाएगा वह आजीवन सदस्य बनाया जा सकेगा कोई भी आजीवन सदस्य अंतर की राशि रुपए 5000 देकर संरक्षक सदस्य बन सकता है।


(स) साधारण सदस्य :- जिस व्यक्ति द्वारा रुपए 100 प्रतिमाह रुपए 1200 प्रतिवर्ष को अभिदान के रूप में जमा किया जाएगा वह साधारण सदस्य बनाया जा सकेगा साधारण सदस्य केवल उसी अवधि के लिए सदस्य होगा जिसके लिए उसने अभिदान दिया है जो साधारण सदस्य बिना संतोषजनक कारणों के 6 माह तक अभिदान नहीं देगा उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी ऐसे सदस्य द्वारा संस्था के लिए नया आवेदन पत्र देने तथा अभिदान की राशि देने पर पुनः सदस्य बनाया जा सकता है।


(द) सम्माननीय सदस्य :- संस्था की प्रबंधकारिणी किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को उस समय के लिए जो वह उचित समझे सम्मानीय सदस्य बना सकती है ऐसे सदस्य साधारण सभा की बैठक में भाग ले सकते हैं परंतु उसको मत देने का अधिकार नहीं होगा।


4. सदस्यता की प्राप्ति :- प्रत्येक व्यक्ति जो कि समिति का सदस्य बनने का इच्छुक हो लिखित रूप में आवेदन करना होगा ऐसा आवेदन पत्र प्रबंधकारिणी समिति को प्रस्तुत होगा प्रबंधकारिणी समिति को आवेदन पत्र को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार होगा।


5.सदस्यों की योग्यता :-
संस्था का सदस्य बनने के लिए किसी व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यता होना आवश्यक है


भारतीय नागरिक हो।


आयु 18 वर्ष से कम ना हो।


समिति के उद्देश्यो एवं नियमों के पालन की प्रतिज्ञा की हो।


सद् चरित्र हो तथा मद्यपान ना करता हो।


6.सदस्यता की समाप्ति :- संस्था की सदस्यता निम्नलिखित स्थिति में समाप्त हो जावेगी


मृत्यु हो जाने पर।


पागल हो जाने पर।


नियम पांच (5) के अनुसार सोसाइटी को देय सदस्यता की रकम जमा करने में असफल रहने पर।


त्याग पत्र देने पर यदि स्वीकृत हो जाता है तो और नैतिक अधमता से संबंधित किसी अन्य कारण के सिद्ध हो जाने पर और प्रबंधकारिणी समिति द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाकर निष्कासित करने पर तथा ऐसा निर्णय संबंधित सदस्य को लिखित में संसूचित किया जाना चाहिए।


7.सदस्यता पंजी :- संस्था कार्यालय में सदस्यों की पंजी रखी जावेगी जिसमें निम्न व्योरे दर्ज किए जाएंगे


प्रत्येक सदस्य का नाम, पता, व्यवसाय।


वह तारीख जिसमें सदस्यों को प्रवेश दिया हो वह अभिदान जमा करने की रसीद नंबर।


वह तारीख जिसमें सदस्यता समाप्त की गई हो।


सदस्यों के हस्ताक्षर।


8.धारण सभा :- साधारण सभा में नियम में 5 (अ) 6 (ब) 7 (स) दर्शाए अनुसार श्रेणी के सदस्य समावेशित होंगे साधारण सभा की बैठक आवश्यकता अनुसार हुआ करेगी परंतु वर्ष में एक बार माह अप्रैल में बैठक अनिवार्य होगी बैठक की तिथि स्थान व समय कार्यकारिणी समिति द्वारा निर्धारित निश्चित कर 15 दिवस पूर्व प्रत्येक सदस्य को सूचना दी जाएगी बैठक का कोरम 3/5 सदस्यों का होगा संस्था की प्रथम आम सभा पंजीयन दिनांक से 3 माह के भीतर बलाई जाएगी उसमें संस्था के पदाधिकारियों का विधिवत निर्वाचन किया जावेगा।


(ब) प्रबंधकारिणी सभा :- प्रबंधकारिणी सभा की बैठक प्रत्येक माह होगी तथा बैठक का एजेंडा तथा सूचना बैठक दिनांक से 7 दिन पूर्व कार्यकारिणी के प्रत्येक सदस्य को भेजा जाना आवश्यक होगा यदि बैठक में कोरम 1/2 सदस्य की होगी यदि बैठक का कोरम पूर्ण नहीं होता है तो बैठक 1 घंटे के लिए स्थगित की जा कर उसी स्थान पर उसी दिन पुनः की जा सकेगी जिसके लिए कोरम की कोई शर्त नहीं होगी।


(स) विशेष :- समिति के कुल सदस्यों की संख्या के 2/3 सदस्यों द्वारा किसी भी विषय पर विचार करने के लिए संस्था के विशेष बैठक बुलाने हेतु अध्यक्ष / सचिव को सदस्यों द्वारा अनुरोध पत्र दिया जाएगा ऐसे आवेदन पत्र उल्लेखित विषय पर आम सभा आयोजित किया जा कर संकल्प पारित किया जाएगा विशेष संकल्प पारित हो जाने हेतु आवेदन करें तो उनके दर्शाए विषय पर संकल्प की प्रति बैठक पंजीयक को संकल्प पारित हो जाने के दिनांक से 45 दिन के भीतर भेजा जावेगा पंजीयक को इस विषय में आवश्यक निर्देश जारी करने तथा समिति को परामर्श देने का अधिकार होगा।

9.धारण सभा के अधिकार व कर्तव्य :-


(क) संस्था के पिछले वर्ष का वार्षिक विवरण प्रगति प्रतिवेदन स्वीकृत करना।


(ख) संस्था की स्थाई निधि व संपत्ति की ठीक व्यवस्था करना।


(ग) आगामी वर्ष के लिए लेखा परीक्षकों की नियुक्ति करना।


(घ) अन्य ऐसे विषयों पर विचार करना जो प्रबंधकारिणी द्वारा प्रस्तुत हो।


(च) संस्था द्वारा संचालित संस्थाओं के आय-व्यय पत्रकों को स्वीकृत करना।


10. प्रबंधकारिणी का गठन :- नियम 5 (अ,ब,स) में दर्शाए गए सदस्यों जिनके नाम पंजी रजिस्टर में दर्ज हो बैठक में बहुमत के आधार पर निम्नलिखित पदाधिकारियों तथा प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों का निर्वाचन होगा।


१ अध्यक्ष


२ उपाध्यक्ष


३ सचिव


४ कोषाध्यक्ष


५ संयुक्त सचिव एवं सदस्य


६ कार्यकारिणी सदस्य


७ कार्यकारिणी सदस्य


11. प्रबंध समिति का कार्यकाल :- प्रबंध समिति का कार्यकाल 3 वर्ष होगा यथेष्ट कारण होने पर उस समय जब तक कि नए प्रबंध कारिणी समिति का निर्माण नियमानुसार से नहीं हो जाता वर्तमान प्रबंध समिति कार्य करती रहेगी किंतु उक्त अवधि 6 माह से अधिक नहीं होगी जिसका अनुमोदन साधारण सभा से करना अनिवार्य होगा।


12. प्रबंध कारिणी के अधिकार व कर्तव्य :-
(अ) जिन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु समिति का गठन हुआ है उसकी पूर्ति करना और इस आशय की पूर्ति हेतु व्यवस्था करना।


(ब) पिछले वर्ष का आय-व्यय का लेखा पूर्णत : परीक्षित किया हुआ प्रगति प्रतिवेदन के साथ प्रतिवर्ष साधारण सभा की बैठक में प्रस्तुत करना होगा।


(स) समिति एवं उनके अधीन संचालित संस्थाओं के कर्मचारियों के वेतन तथा भत्ते आदि का भुगतान करना संस्था की चल अचल संपत्ति पर लगने वाली कर आदि का भुगतान करना।


(द) कर्मचारियों, शिक्षकों आदि की नियुक्ति करना।


(इ) अन्य आवश्यक कार्य करना जो साधारण सभा द्वारा समय-समय पर सौंपा जाए।


(च) संस्था की समस्त चल अचल संपत्ति कार्यकारिणी समिति के नाम रहेगी।


(छ) संस्था द्वारा कोई भी स्थावर संपत्ति रजिस्टर की लिखित अनुज्ञा के बिना क्रय विक्रय द्वारा या अन्यथा अर्जित या अंतरित नहीं की जाएगी।


(ज) विशेष बैठक आमंत्रित कर संस्था के विधान में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर साधारण सभा की विशेष बैठक में उसकी स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करेगी साधारण सभा में कुल सदस्यों 2/3 मत से संशोधित पारित होने पर उक्त प्रस्ताव पारित कर पंजीयक को अनुमोदन हेतु भेजा जावेगा।

13.अध्यक्ष के अधिकार :- अध्यक्ष साधारण सभा तथा प्रबंध कारिणी समिति की समस्त बैठकों की अध्यक्षता करेगा तथा सचिव को साधारण सभा में प्रबंध कारिणी की बैठकों का आयोजन हेतु निर्देश जारी करेगा अध्यक्ष का मत बिचारार्थ विषयों में निर्णयात्मक होगा।


14. उपाध्यक्ष के अधिकार :- अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष द्वारा साधारण सभा तथा प्रबंध कारिणी की समस्त बैठकों की अध्यक्षता करेगा।


15. सचिव (मंत्री) के अधिकार :-
साधारण सभा एवं प्रबंध कारिणी की बैठक समय-समय पर बुलाना और समस्त आवेदन पत्र तथा सुझाव जो प्राप्त हो प्रस्तुत करना।
समिति की आय व्यय का लेखा परीक्षण से प्रतिवेदन तैयार करके साधारण सभा के सम्मुख प्रस्तुत करना समिति के सारे कागजातों को तैयार करना तथा करवाना उनका निरीक्षण करना व अनियमितता पाए जाने पर उसकी सूचना प्रबंध कारिणी को देना।
सचिव को किसी कार्य के लिए एक समय में रुपए 50,000/- वह करने का अधिकार होगा।


16. संयुक्त सचिव के अधिकार:- सचिव की अनुपस्थिति मे संयुक्त सचिव कार्य करेगा।


17. कोषाध्यक्ष के अधिकार :- समिति की धनराशि का पूर्ण हिसाब रखना तथा सचिव या कार्यकारिणी द्वारा स्वीकृत व्यय करना।


18. बैक खाता :- प्रत्येक समिति द्वारा पंजीकृत संस्था के नाम से ही खाता संधारित किया जावेगा संस्था की समस्त निधि किसी राष्ट्रीय कृत बैंक या पोस्ट ऑफिस में रहेगी धन का आहरण अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर ओं से होगा दैनिक व्यय हेतु कोषाध्यक्ष के पास अधिकतम रुपए 50,000 रहेंगे।


19. पंजीयक को भेजी जाने वाली जानकारी :- अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत संस्था की वार्षिक आम सभा होने के दिनांक से 45 दिन के भीतर निर्धारित प्रारूप पर शुल्क सहित कार्यकारिणी समिति की मूल हस्ताक्षरित सूची फाइल की जावेगी तथा धारा 28 के अंतर्गत संस्था का ऑडिट लेखन नियत शुल्क के साथ पंजे को प्रस्तुत किया जाए


20. संशोधन :- संस्था के विधान में संशोधन साधारण सभा की बैठक के कुल सदस्यों के 2/3 मतों में पारित होगा यदि आवश्यक हुआ तो संस्था के हित में उसके पंजीकृत विधान में संशोधन करने का अधिकार पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं को होगा जो प्रत्येक सदस्य को मान्य होगा संस्था के विधान में संशोधन हेतु प्रस्ताव मय- नियत प्रारूप में शुल्क सहित प्रस्तुत की जाएगी।
हेतु प्रस्ताव मय- नियत प्रारूप में शुल्क सहित प्रस्तुत की जाएगी।


21. विघटन :- संस्था का विघटन साधारण सभा के कुल सदस्यों के 3/5 से पारित किया जाएगा विघटन के पश्चात संस्था की चल एवं अचल संपत्ति किसी भी सामान उद्देश्य वाली संस्था को सौंप दी जाएगी उक्त समस्त कार्यवाही अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जाएगी।


22. संपत्ति :- संस्था के समस्त चल अचल संपत्ति संस्था के नाम से रहेगी संस्था की अचल संपत्ति (स्थावर) रजिस्टार फर्म्स एवं संस्थाएं की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा दान द्वारा या अन्यथा प्रकार से अर्जित या अंतरित नहीं की जा सकेगी एवं उक्त हेतु नियत शुल्क संस्था द्वारा जमा की जावेगी।


23. पंजीयक द्वारा बैठक बुलाना :- संस्था की पंजीयक नियमावली के अनुसार पदाधिकारियों द्वारा वार्षिक बैठक ना बुलाए जाने पर या अन्य प्रकार के आवश्यक होने पर पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं को बैठक बुलाने का अधिकार होगा साथ ही यह बैठक में विचारार्थ विषय निश्चित कर सकेगा।


24. विवाद :- संस्था में किसी प्रकार के विवाद की स्थिति होने पर अध्यक्ष को साधारण सभा की अनुमति से सुलझाने का अधिकार होगा यदि इस निश्चित या निर्णय से पक्षों पर संतोष ना हो तो वह रजिस्ट्रार की ओर के निर्णय के लिए भेज सकेंगे रजिस्ट्रार का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा संचालित सभाओं के विवाद अथवा प्रबंध समिति के विवाद उत्पन्न होने पर अंतिम निर्णय देने का अधिकार रजिस्टर को होगा।